
एवीजेन द्वारा निर्मित यह विस्तृत मार्गदर्शिका, खेत के प्रबंधकों को मुर्गी फार्म पर मक्खियों से उतपन्न होने वाली बिमारियों को नियंत्रित करने के लिए साफ़ और स्पष्ट जानकारी देती है।
परिचय
मक्खियां मनुष्यों और मुर्गी पालन के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हैं ।
वे साल्मोनेला, पेस्टुरेला, कम्पायलोबैक्टर और ई. कोली जैसे कीटाणु एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाती हैं ,जो पोल्ट्री के पक्षियों और खेत के कर्मचारियों पर नकारात्मक प्रभाव डालते हैं। गर्मी, नमी और खाद्य स्रोतों जैसे पर्यावरणीय परिस्थितियों के आधार पर मक्खी के प्रजनन की गति अलग-अलग हो सकती है, लेकिन एक ही गर्मी के प्रजनन के मौसम में 5 – 6 पीढ़ियों का होना कोई अनोखी बात नहीं है।

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मक्खियों पर नियंत्रण पाने का सबसे अच्छा तरीका
मक्खी के संक्रमण से बचने का सबसे अच्छा समाधान सूखे कूड़े में पानी और नमी का प्रबंधन है। जिन खेतों में सूखा कूड़ा होता है ,वहां शायद ही कभी मक्खी के गंभीर संक्रमण का अनुभव हुआ हो।
एक सफल फ्लाई कंट्रोल प्रोग्राम सुनिश्चित करता है कि नमी को घर के भीतर नियंत्रित किया जाए और मक्खी के प्रजनन स्थलों को समाप्त कर दिया जाए कीटनाशक मक्खियों की आबादी में अस्थायी तौर पर कम करने में मदद कर सकते हैं लेकिन यह मक्खी प्रबंधन का एकमात्र प्रभावी तरीका नहीं हो सकता ।
एक सम्पूर्ण मक्खी प्रबंधन कार्यक्रम का प्रयोग करना चाहिए जिसमें निम्नलिखित तकनीकें शामिल हों:
- स्वच्छता और मक्खियों से छुटकारा
- मक्खी नियंत्रण के रासायनिक तरीके (कीटनाशक)
- मक्खियां पकड़नेवाले फंदे
स्वच्छता और मक्खियों से छुटकारा
1) पोल्ट्री हाउस में मक्खियों से बचाव का पहला उपाय साफ-सफाई है।
जब भी संभव हो भोजन,कूड़ा ,टूटे अंडे और मृत पशु, जिन पर मक्खियाँ अपने अंडे देती हैं, को हटा देना चाहिए।
खेत पर बचे हुए कूड़े का प्रबंधन किया जाना चाहिए ताकि वह सूखा और नरम रहे।
Dry, Friable litter Manage Drinking systems to reduce wet litter Removing litter from the farm
- पीने की प्रणालियों की ऊंचाई का प्रबंधन और पानी के प्रवाह की गति की जाँच करने से कूड़े के गीले होने के कारण कम हो जायेंगे।
- पीने के सिस्टम को नियमित रूप से जांचना चाहिए ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि पानी का कहीं से भी कोई रिसाव नहीं है ।
सफाई करते समय हटाए गए कूड़े को खेत में इकट्ठा नहीं किया जाना चाहिए और न ही खेत के साथ लगी अन्य भूमि पर फैलाना चाहिए। इसे खेत से कम से कम 3.2 किमी (2 मील) की दूरी पर तिरपाल में ढके हुए ट्रेलर के साथ हटाया जाना चाहिए और सरकारी नियमों के अनुसार समाप्त कर देना चाहिए।
गिरे हुए भोजन को तुरंत साफ किया जाना चाहिए।
जैसे ही कोई पक्षी मरा हुआ मिलता है, उसे तुरंत हटा देना चाहिए ।
मक्खियों को आकर्षित होने से रोकने के लिए ब्रीडर हाउस में पड़े किसी भी टूटे हुए अंडे को तुरंत हटा दिया जाना चाहिए।
2) मक्खियों को स्क्रीन या पंखों के उपयोग से भी घर से बाहर निकला जा सकता है।

बाहर की ओर हवा छोड़ने वाले एक्सट्रैक्शन पंखे, मक्खियों को घर में प्रवेश करने से रोकेंगे।स्क्रीन को प्रवेश द्वार, खिड़कियां और इनलेट में रखा जाना चाहिए।
- स्क्रीन जाल आमतौर पर स्टेनलेस स्टील, कोटेड स्टील, पीवीसी और एल्यूमीनियम जैसी सामग्रियों से बनाया जाता है ।
- मक्खियों को अच्छी तरह से बाहर निकलने के लिए स्क्रीन होल का आकार 0.88 मि.मी और 1.22 मि.मी (0.03 और 0.05 इंच) के बीच होना चाहिए
मक्खी नियंत्रण के रासायनिक तरीके
1)शुरू में आये हुए मक्खियों के झुण्ड को कम करने का कीटनाशक एक प्रभावी तरीका है और एक अच्छे जैव सुरक्षा कार्यक्रम का एक प्रमुख घटक है।
कीटनाशक चारे में आमतौर पर कीटनाशक, चीनी और फेरोमोन के मिश्रण होते हैं। पोल्ट्री उद्योग में दो प्रकार के कीटनाशक का उपयोग किया जाता है अवशिष्ट और गैर-अवशिष्ट।
अवशिष्ट कीटनाशक
- अवशिष्ट कीटनाशकों को केवल खाली घरों में ही लगाया जाना चाहिए।
- कीटनाशकों को लगाने करने से पहले घरों को अच्छी तरह से साफ और कीटाणुरहित किया जाना चाहिए।
- कीटनाशक लगाते समय सुरक्षात्मक कपड़े, फेस मास्क, दस्ताने, टोपी और आंखों की सुरक्षा के लिए मास्क पहनना चाहिए।
- उत्पादक के दिए गए निर्देश के अनुसार कीटनाशक को साफ़ पानी में मिलाएं और उसे लगाने के लिए केवल स्वच्छ स्प्रेयर का उपयोग करें।

- इन्हे न सोखने वाली घर की सतहों पर लगाएं जैसे कठोर लकड़ी, पोती हुई या लेपित वाली दीवारें ।
- कीटनाशक को उस क्षेत्र में लगा कर छोड़ दें और अच्छी तरह से (2-3 घंटे) सूखने दें।
- सूखने के बाद, ये उत्पाद मुर्गी और मनुष्यों के लिए हानिरहित हैं।
- कीटनाशक का 2-3 महीने तक असर रहता है ।
गैर-अवशिष्ट कीटनाशक

- गैर-अवशिष्ट कीटनाशक केवल लगाने के समय ही असरदार होते हैं और इनका प्रभाव देर तक नहीं रहता । इनका उपयोग उन स्थितियों में किया जाता है, जहां बड़ी वयस्क मक्खी की आबादी को खत्म करना आवश्यक हो । इस मामले में, लंबे समय तक रहने वाले अवशिष्ट कीटनाशक को लगाने से पहले गैर-अवशिष्ट कीटनाशक का उपयोग किया जाना चाहिए।
- अवशिष्ट कीटनाशक खाली घर के अंदर लगाने के लिए उपयुक्त है ।
- पूरे घर में गैर-अवशिष्ट कीटनाशक को छिड़कने के लिए थर्मल फॉगिंग मशीनों का उपयोग किया जा सकता है।
2) लार्विसाइड्स भी मक्खी नियंत्रण की एक प्रभावी रासायनिक विधि है।
लार्विसाइड्स केवल फ्लाई लार्वा को नियंत्रित करते हैं और आमतौर पर ब्रीडर हाउस में स्लैट्स के नीचे खाद पर या ब्रायलर घरों में सीधे कूड़े पर स्प्रे या दाने के रूप में डाले जाते हैं। लार्विसाइड्स का प्रयोग करते समय कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए:

- लार्विसाइड्स के प्रयोग में समय बहुत महत्व रखता है क्यूंकि यह बड़े लार्वा की तुलना में छोटे लार्वा पर ज़्यादा असर करता है। पक्षियों को घर में रखने के 2 सप्ताह बाद लार्विसाइड्स के प्रयोग करने का उचित समय होता है ।
- लार्विसाइड्स का असर धीरे- धीरे होता है और पूरा प्रभाव दिखने में 1-2 सप्ताह लग सकते हैं।
- मक्खियों के विकास में बाधा पड़ने के खतरे के कारण, प्रत्येक पक्षी के जीवनकाल में केवल दो बार कूड़े पर लार्विसाइड्स के प्रयोग की सलाह दी जाती है।
3) नियमित रूप से कीटनाशक उत्पादों का उपयोग करें
- नियमित रूप व् अलग-अलग मोड से किए गए कीटनाशक से प्रतिरोध का खतरा कम हो जाएगा।
- जब तक आगे के लिए निर्देशित नहीं किया जाता है, मक्खी की 2-3 पीढ़ी पर अलग-अलग मोड के साथ कीटनाशक करें, (लगभग हर 6-9 सप्ताह)
4) फ्लाई अट्रैक्टरस पर पेंट करें
- जहां कीटनाशक किया हो,वहां अटरैटरस रखें ताकि मक्खियां स्वयं खींची चली आएं
- जो मक्खियां अन्य रसायनों के लिए प्रतिरोधी हैं वे भी अटरैटर के सम्पर्क में आ कर कुछ ही मिनटों के भीतर मर जाती हैं ।
- पक्षियों की पहुंच वाली जगह पर पेंट वाले अटरैटरस का प्रयोग नहीं किया जा सकता, लेकिन घर के भीतर पक्षियों के पिंजरे के बाहर इस्तेमाल किया जा सकता है।
- अटरैटरस को साफ जगह पर रखें जहां मक्खियाँ आती हैं: दीवारें, खिड़की के किनारे और जुड़नार।
- पेंट अटरैटरस का प्रयोग बैग, कार्डबोर्ड या कपड़े पर भी किया जा सकता है और मक्खी के भारी संक्रमण के क्षेत्रों में लटका दिया जाता है।
- अटरैटरस का प्रयोग ठंडी हवा वाली जगहों पर, जैसे कि पंखे या ठंडे कक्ष पर न करें , क्योंकि आमतौर पर मक्खियाँ कम हवा वाले गर्म स्थानों को पसंद करती हैं।
- संक्रमण के स्तर पर निर्भर करते हुए मक्खी के अटरैटरस पर पेंट हर 3-5 दिनों में किया जाना चाहिए
मक्खी नियंत्रण के अन्य तरीके
चिपकने वाला हैंगिंग फ्लाई पेपर

- इसे मुख्य रूप से सुख-सुविधा वाली इमारतों में रखा जाना चाहिए न की उत्पादन घरों में
- फ्लाई पेपर मीठे,सुगंधित, बेहद चिपचिपे , गैर-विषैले पदार्थ के साथ लेपित होता है जो मक्खियों के आते ही उन्हें जकड़ लेता है ।
- समय के साथ फ्लाई पेपर जब सूख जाता है या धूल से भर जाता है, अपना असर खो देता है इसलिए इसे नियमित रूप से बदलते रहना चाहिए। मक्खी की आबादी के आधार पर, फ्लाई पेपर कुछ दिनों से 2 सप्ताह तक असरदार रह सकता है।
अल्ट्रावॉयलट फ्लाई जैपरस

- अल्ट्रावॉयलट फ्लाई जैपरस का प्रयोग स्वागत क्षेत्र, पौधों के प्रद्योगिकी क्षेत्र,अंडे के कमरे और अन्य गैर-पक्षी क्षेत्रों में किया जाता है।
- इलेक्ट्रिक जैपरस मक्खियों को अल्ट्रावॉयलट रोशनी की लम्बी वेवलैंथ से आकर्षित करते हैं और उन्हें करंट से खत्म कर देते हैं।
- अल्ट्रावॉयलट फ्लाई जैपर अंदर और बाहर,मशीन की विशिष्टताओं के आधार पर रखे जाते हैं ।
- इलेक्ट्रिक फ्लाई जैपर यूनिट दिन और रात के दौरान प्रभावी होती हैं, और मच्छरों को 150 मी. 2 (1615ft) तक के कवरेज क्षेत्र के अंदर आकर्षित करते हैं।
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